नई दिल्ली : प्रेजिडेंट पद के लिए समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह और ममता बनर्जी की ओर से एपीजे अब्दुल कलाम का नाम अनायास ही नहीं उछाला गया है। पर्दे के पीछे इसकी बुनियाद एनडीए ने तैयार की है और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस के दुश्मन नंबर एक सुब्रमण्यम स्वामी जुटे हुए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, करीब 10 दिन पहले आडवाणी के घर पर एक गोपनीय बैठक हुई थी। इस मीटिंग के अगले ही दिन स्वामी कलाम के घर पहुंचे और उन्हें वोटों को गणित समझाया। बताया जाता है कि स्वामी ने कलाम से कहा कि प्रेजिडेंट पद के लिए उनके नाम पर 55 परसेंट सहमति जुटाई जा सकती है। इसलिए, वह अपनी ओर से यह न बोलें कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। कलाम से उन्होंने 'अफवाहों' पर गौर न करने की अपील की।
इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और जसवंत सिंह के अलावा शिवसेना की ओर से संजय राउत और शिरोमणि अकाल दल की ओर से सुखबीर सिंह बादल शामिल हुए थे। एनडीए के नेताओं के अलावा मीटिंग में सुब्रमण्य स्वामी भी मौजूद थे। बैठक में यह तय हुआ कि मुस्लिम, वैज्ञानिक और युवाओं की पसंद कलाम में वह सारी खूबियां है, जिनके साथ वह प्रेजिडेंट पद के सशक्त दावेदार बन कर उभरते हैं।
चुनाव लड़ने के लिए कलाम को मनाने की जिम्मेदारी स्वामी को सौंपी गई। बताया जा रहा है कि कलाम ने अपनी ओर से सहमति भी दे दी है। स्वामी और कलाम की इस मीटिंग के बाद एनडीए ने एसपी और तृणमूल कांग्रेस की ओर रुख किया। स्वामी ने ही मुलायम और ममता से बात की। गौरतल है कि कलाम का इस पद के लिए मुलायम पहले भी (2002 में) समर्थन कर चुके हैं। 11 जून को मुलायम ने एनडीए को कलाम के नाम पर अपना समर्थन दे तो दिया लेकिन इसे गोपनीय रखा।
इसी योजना के तहत मुलायम से जसवंत सिंह भी मिले। इसी मीटिंग को पिछले दिनों जसवंत की ओर से उप राष्ट्रपति पद की दावेदारी संबंधी गणित का हिस्सा माना जा रहा था, जबकि यह पूरा मामला प्रेजिडेंट पद के लिए कलाम के नाम पर हो रहे होमवर्क का ही हिस्सा था। वहीं ममता को मनाने का जिम्मा भी स्वामी पर ही था। मंगलवार और बुधवार सुबह को मुलायम और ममता की मीटिंग हुई जिसके बाद बुधवार शाम को दोनों की ओर से कलाम के नाम पर अनाउंसमेंट कर दी गई थी।
Source : Navbharat Times
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, करीब 10 दिन पहले आडवाणी के घर पर एक गोपनीय बैठक हुई थी। इस मीटिंग के अगले ही दिन स्वामी कलाम के घर पहुंचे और उन्हें वोटों को गणित समझाया। बताया जाता है कि स्वामी ने कलाम से कहा कि प्रेजिडेंट पद के लिए उनके नाम पर 55 परसेंट सहमति जुटाई जा सकती है। इसलिए, वह अपनी ओर से यह न बोलें कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। कलाम से उन्होंने 'अफवाहों' पर गौर न करने की अपील की।
इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और जसवंत सिंह के अलावा शिवसेना की ओर से संजय राउत और शिरोमणि अकाल दल की ओर से सुखबीर सिंह बादल शामिल हुए थे। एनडीए के नेताओं के अलावा मीटिंग में सुब्रमण्य स्वामी भी मौजूद थे। बैठक में यह तय हुआ कि मुस्लिम, वैज्ञानिक और युवाओं की पसंद कलाम में वह सारी खूबियां है, जिनके साथ वह प्रेजिडेंट पद के सशक्त दावेदार बन कर उभरते हैं।
चुनाव लड़ने के लिए कलाम को मनाने की जिम्मेदारी स्वामी को सौंपी गई। बताया जा रहा है कि कलाम ने अपनी ओर से सहमति भी दे दी है। स्वामी और कलाम की इस मीटिंग के बाद एनडीए ने एसपी और तृणमूल कांग्रेस की ओर रुख किया। स्वामी ने ही मुलायम और ममता से बात की। गौरतल है कि कलाम का इस पद के लिए मुलायम पहले भी (2002 में) समर्थन कर चुके हैं। 11 जून को मुलायम ने एनडीए को कलाम के नाम पर अपना समर्थन दे तो दिया लेकिन इसे गोपनीय रखा।
इसी योजना के तहत मुलायम से जसवंत सिंह भी मिले। इसी मीटिंग को पिछले दिनों जसवंत की ओर से उप राष्ट्रपति पद की दावेदारी संबंधी गणित का हिस्सा माना जा रहा था, जबकि यह पूरा मामला प्रेजिडेंट पद के लिए कलाम के नाम पर हो रहे होमवर्क का ही हिस्सा था। वहीं ममता को मनाने का जिम्मा भी स्वामी पर ही था। मंगलवार और बुधवार सुबह को मुलायम और ममता की मीटिंग हुई जिसके बाद बुधवार शाम को दोनों की ओर से कलाम के नाम पर अनाउंसमेंट कर दी गई थी।
Source : Navbharat Times
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