30 Aug - 1987 में हुए मेरठ दंगे के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस देने पहुंचे थे स्वामी
लखनऊ : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से
मुलाकात की। इस भेंट का संबंध उत्तर प्रदेश के मेरठ में 1987 में हुए साम्प्रदायिक दंगे में पीएसी द्वारा की गयी फायरिंग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गयी डॉ. स्वामी की जनहित याचिका से है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन के आवास पर पहुंचे स्वामी ने बताया कि मेरठ के हाशिमपुरा में 1987 में पीएसी द्वारा की गरी फायरिंग में तमाम बेगुनाह मारे गए थे। उस समय मौजूदा गृह मंत्री पी. चिदंबरम देश के आंतरिक सुरक्षा मंत्री थे। डॉ. स्वामी ने अपनी याचिका में चिदंबरम की भूमिका के अलावा इस मामले में ट्रायल कोर्ट के निर्णय को भी चुनौती दी थी।
डॉ. स्वामी ने बताया कि मामले की सुनवायी के दौरान छह अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि क्या वह स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस (दस्ती) उपलब्ध कराना चाहेंगे, जिस पर उन्होंने सहमति दे दी थी। डॉ. स्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने नोटिस रिसीव किया। इस मामले की अगली सुनवायी 19 नवंबर को होगी। लालजी टंडन से मुलाकात के बाद स्वामी पटना के लिए रवाना हो गए।
Source : Jagran
Respected स्वामीजी को meerut के उन हिन्दुस् की भी सुध लेनी चाहिए जिनके लोगु की दंगा फ़ैलाने वालू ने हत्या की. उनकी बेटीयु का rape के बाद मर्डर कर दिया गया आखिर इस केस में सिर्फ एक ही पक्ष की ही बात क्यों की जाती है. क्या इस देश में हिन्दू होना गुनाह है.
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