संत श्री आसारामजी बापू पर लगे आरोप के संदर्भ में क्या है सच्चाई ?

आज पुरे देश में हिंदूद्रोही मिडीया पूज्य आसारामजी बापू जैसे हिंदू संतोंपर घिनौने आरोप लगा रहा है । अभीतक बापूजी से पुलिस ने पुछताछ भी नहीं की है, फिर भी मिडीया उन्हें लगातार ‘बलात्कारी’ कह रही है । परंतू यह मिडीया कल अगर बापूजी पर लगाए गए आरोप असत्य साबित होंगे, तो इस बारे में एक मिनीट की न्यूज भी नही दिखाएगी । हिंदूओ, जागे एवं इस मिडीया का पुरी तरह से बहिष्कार करे । - संपादक
लम्बे समय से संत श्री आसारामजी बापू व आश्रम को बदनाम करने के उद्देश्य से तरह-तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं, परंतु सभी आरोप झूठे और निराधार साबित हुए हैं । अब एक नयी सोची-समझी साजिश के तहत शाहजहाँपुर (उ.प्र.) की एक लड़की को मोहरा बनाया गया है ।
इस साजिश को झूठी, निराधार एवं मनगढ़ंत सिद्ध करनेवाले कुछ तथ्य इस प्रकार हैं -
  • लड़की के द्वारा छेड़खानी के झूठे आरोप लगवाये गये और फैलाया गया कि बलात्कार का आरोप लगाया गया है । यह भी प्रचारित किया गया कि मेडिकल जाँच रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है । जबकि वास्तविकता तो यह है कि लड़की की मेडिकल जाँच रिपोर्ट में बलात्कार की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया गया है । जोधपुर पुलिस ने भी स्वीकार किया है कि दिल्ली पुलिस ने केस गलत तरीके से दर्ज किया है । इतना ही नहीं, लड़की द्वारा पुलिस में की गयी एफआईआर व उसके बयान में ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि उसके साथ बलात्कार किया गया । फिर भी मीडिया द्वारा झूठी खबरें फैलाकर तथा करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र पूज्य बापूजी के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करके देशवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचायी गयी । यह कितना बड़ा अपराध है !
  • आरोप लगानेवाली लड़की के परिवार ने घटना के ५ दिन बाद एफआईआर क्यों लिखवायी ? तुरंत क्यों नहीं लिखवायी ?
  • लड़की है शाहजहाँपुर (उ.प्र.) की, उसने घटना बतायी जोधपुर (राजस्थान) की, और फिर एफआईआर दर्ज करायी दिल्ली में । इसीसे साफ होता है कि यह एक सुनियोजित साजिश है ।
  • लड़की मणई फार्म हाउस में आते ही बार-बार ‘बापूजी की कुटिया देखनी है – कुटिया देखनी है’ यह बात बोल रही थी । इस बात के कई साक्षी हैं । इससे यह साबित होता है कि उसको कुटिया देखकर कोई साजिश करनी थी ।
  • लड़की एफआईआर में जिस कमरे की घटना बता रही है, उस कमरे और कुटिया के गेट की दूरी मात्र ५०-६० फीट है और लड़की ऐसा बता रही है कि मेरी माँ कुटिया के गेट पर बैठी थी । उस रूम से कोई १६ साल तो क्या ६ साल का बच्चा भी चिल्लाता है तो शांत वातावरण होने से आवाज स्वाभाविक ही ५०० फीट तक जाती है और यह लड़की बार-बार चिल्लाती रही ऐसा उसने एफआईआर में लिखवाया । तो ५०-६० फीट पर बैठी लड़की की माँ को उसका चिल्लाना सुनायी क्यों नहीं दिया ? और उसके पिताजी जिस कमरे में रुके थे, वह कमरा करीब २०० फीट पर फार्म हाउस मालिक के घर के ऊपर है और नीचे घर में फार्म हाउस मालिक के घर के १० लोग रुके थे । इन सभीको चिल्लाने की कोई आवाज क्यों सुनायी नहीं दी ?
  • एफआईआर में लड़की ने बताया कि जब मैं चिल्लायी तो बापूजी ने मेरा मुँह दबाकर रखा और एक से डेढ़ घंटे तक मेरे शरीर पर हाथ घुमाते रहे । अब क्या यह सम्भव है कि एक हाथ से मुँह दबाकर रखा और दूसरा हाथ एक-डेढ़ घंटे तक उसके शरीर पर घुमाते रहे ? मुँह दबाने के निशान भी लड़की के मुँह पर नहीं थे । अगर होते तो फार्म हाउस के सदस्यों को दिखते ।
  • एफआईआर में लिखवाया गया है कि घटना के तुरंत बाद लड़की अपनी माँ से मिली और अपने पिताजी के पास गयी और उसने न ही अपनी माँ से कुछ जिक्र किया, न ही अपने पिताजी से ऐसा कुछ बताया । ऐसा क्यों ?
  • फार्म हाउस मालिक के घर की महिलाएँ बता रही थीं कि घटनावाले दिन (१५.०८.२०१३) रात्रि करीब ९.३० बजे पहले उसका पिता, उसके थोड़ी देर बाद (२-५ मिनट बाद) माँ और बेटी घर में आती हैं और पीने का पानी लेकर ऊपर के रूम में सोने चली जाती हैं और घरवाले लोग घर के अंदर से ऊपर जाने का रास्ता रोज के नियमानुसार बंद कर देते हैं । ऊपर के रूम से घर में नीचे आने का एक ही दरवाजा है । वह भी बंद था और उस दरवाजे के आगे घर की सारी महिलाएँ सो रही थीं तो यह घटना कैसे सम्भव हो सकती है ?
  • दिनांक १५.०८.२०१३ को रात्रि ८ बजे लड़की की सहेली कृतिका ने लड़की की माँ और लड़की को कहा कि ‘‘फार्म हाउस मालिक के घर बाहर से आनेवाले भाई लोग रुकनेवाले हैं तो आप दोनों हमारे साथ पास में ही जहाँ सब बहनें रुकी हैं, वहाँ चलो ।’’ उसी समय लड़की अचानक बीच में बोल पड़ी कि ‘‘अगर कमरे में जगह नहीं है तो मुझे छत पर बाहर सोना पड़े तो भी सो जाऊँगी पर यहाँ से कहीं नहीं जाऊँगी ।’’ इससे स्पष्ट हो गया कि रात में उसको वहाँ अपनी उपस्थिति दिखाकर साजिश की बुनियाद खड़ी करनी थी ।
  • लड़की व उसका परिवार 16 तारीख को सुबह करीब 8 बजे खाना खाने के लिए फार्म हाउस मालिक के घर में नीचे आया और लड़की, उसके परिवार और दिलीपभाई के परिवार ने साथ में बैठकर सहज में ही खाना खाया और उसके बाद लड़की नीचे घर में फार्म हाउस मालिक के डेढ़ साल के पोते को लेकर अच्छे से हँसी-खेली और खुश थी । अगर कोई घटना घटती तो उसके चेहरे पर कोई मायूसी होती, डर होता, जो कि नहीं था ।
  • लड़की छिन्दवाड़ा गुरुकुल छोड़ने से पहले अपने फ्रेंड्स को बताती है कि ‘‘मैं इस गुरुकुल में दुबारा किसी भी कीमत पर नहीं आऊँगी । मैं छिन्दवाडा गुरुकुल की नींव हिला दूँगी ।’’ इसीसे पता चलता है कि लड़की के दिमाग में शुरू से ही कुछ योजना चल रही थी ।
  • दिनांक १४ अगस्त की शाम करीब ६ बजे भक्तों की प्रार्थना पर बापूजी ने घूमने जाते वक्त कहा कि जिसको कुटिया के दर्शन करने हों, वह दर्शन करने जा सकता है । उस समय लड़की, उसकी माँ व उसके साथ पढ़नेवाली सहेली व अन्य कई भक्त लोगों ने कुटिया की परिक्रमा की । कुटिया के अंदर का जो विवरण इस लड़की ने बताया वही विवरण, अन्य भक्तों से पूछने पर वे भी सही-सही बता रहे हैं । तो क्या विवरण बतानेवाले सभी भक्तों के साथ भी यह घटना घटी है ? फिर लड़की ने वह विवरण बताया, इस बात को इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है ?
इन सभी तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट निष्कर्ष निकलता है कि पूज्य बापूजी को एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत फँसाया जा रहा है ।
पिछले ५ वर्षों से आश्रम के ऊपर बच्चों पर तांत्रिक विधि करने आदि के झूठे, मनगढ़ंत आरोप श्रृंखलाबद्ध तरीके से लगाये गये । लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक ०९.११.२०१२ को दिये अपने फैसले में इस प्रकार के सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया । साजिशकर्ताओं के हथकंडे बने राजू लम्बू, अमृत वैद्य, राजेश सोलंकी, सुखाराम ठग... सभी षडयंत्रकारियों को जेल जाना पड़ा ।
प्रबुद्ध नागरिकों का सवाल है कि कपोलकल्पित, मनगढ़ंत कहानियाँ ब्रेकिंग न्यूज के नाम पर मसाला लगाकर जनता तक पहुँचायी जाती हैं लेकिन उन्हींका पर्दाफाश होने पर सच्चाई लोगों तक क्यों नहीं पहुँचायी जाती ?
संत-समाज ने इसे संस्कृति के खिलाफ षड्यंत्र बताया है । देशभर में धार्मिक व सामाजिक संगठनों तथा महिला एनजीओज् ने धरना-प्रदर्शन करके तथा रैलियाँ निकाल के इस षड्यंत्र एवं दुष्प्रचार का जाहिर विरोध किया है ।
क्या जनता को गुमराह करनेवाले षड्यंत्रकारियों पर कड़क कार्यवाही करने के लिए प्रशासन सजग होगा ? न्यायालय भी ऐसे लोगों को कड़ा दंड दे ऐसी जनता की माँग है ।

प्रचारित की गयीं झूठी, मनगढ़ंत खबरें
यह है हकीकत
बापूजी के खिलाफ नाबालिग लड़की द्वारा ‘दुष्कर्म’ की एफआईआर दर्ज की गयी ।
लड़की के बयान तथा एफआईआर दोनों में दुष्कर्म की बात नहीं है ।
झूठी खबरें प्रचारित की गयीं कि दुष्कर्म की पुष्टि हो चुकी है |
मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म होने की बात को स्पष्ट रूप से नकार दिया गया है ।
बापूजी का आश्रम सील कर दिया गया है ।
बापूजी का कोई भी आश्रम सील नहीं किया गया है । झूठ फैलाकर साजिशकर्ताओं ने अपनी मलिन मुरादों को ही उजागर किया है ।

 

देखिये डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी जी क्या कहते हैं ...

अन्य संत एवं महनीय व्यक्ती क्या कहते है ?

१. ‘‘परम पूज्य बापूजी ने आदिवासी, वनवासी समाज के लोगों को भी अपनी संस्कृति के प्रति निष्ठावान बनाने का जो महान कार्य किया है, यह जिनके लिए बर्दाश्त से बाहर की चीज थी उन्होंने ही मीडिया के माध्यम से महाराजजी को ऐसे बदनाम करना चाहा है। हिन्दू समाज पर इसका असर बिल्कुल ही नहीं पड़ेगा । हम सचेत रहकर जगह-जगह पर सुप्रचार करें ।’’
- वि.हि.प. के मुख्य संरक्षक व पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहलजी
२. ‘‘विदेशी ताकतें कुचक्र रचकर संतों को अपने मनगढ़ंत जाल में फँसाकर बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। यही वजह थी कि आसाराम बापू पर बेबुनियाद आरोप मढ़कर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया ।’’
- स्वामी रामदेवजी
३. ‘‘पूरा संत-समाज एवं सभी संगठन पूज्य आसारामजी बापू के साथ हैं ।’’ - निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी
४. ‘‘संत आसारामजी बापू निर्दोष हैं, संत उनके साथ हैं ।’’ - भाजपा उपाध्यक्ष साध्वी उमा भारती
स्त्रोत : संत आसाराम बापूजी आश्रम, कर्णावती (अहमदाबाद)

Swamy meets Akhilesh over allegations against Chidambaram

31 Aug (Lucknow ) : BJP leader Subramanian Swamy yesterday met Chief Minister Akhilesh Yadav and handed over a Delhi High Court notice seeking Uttar Pradesh government's response to a plea calling for a probe against Union Finance Minister P Chidambaram in connection with the 1987 Hashimpura massacre.

 "I met Akhilesh and handed over the notice to Chief Secretary Javed Usmani in his presence," Swami told PTI.

Delhi High Court had on Aug. 6 sought UP government's response to Swamy's plea seeking a further probe to ascertain the alleged role of Chidambaram in the said massacre.

In the appeal, Swamy sought further inquiry saying, "It was admitted on the floor of the Parliament by the then Minister of State for Home Affairs (Chidambaram) that the situation was calm between May 19 and May 22, 1987. Yet the trial judge states there was violence.

"Hence, even at this late stage, an investigation into this issue is essential for complete justice," Swamy said.

Sixteen PAC personnel are facing trial for the killing of 42 persons in Hashimpura area of Meerut district.

Swamy said Delhi High Court would hear the matter on November 19.

Source : India Today

30 Aug : Farook Abdulla says Sethusamudram project is not a poll gimmick

The controversial Sethusamudram project is back on the Centre's agenda. The UPA government would soon file an affidavit in the Supreme Court to get a nod for the project worth about Rs.25,000 crore that was first approved eight years ago but still not implemented.

The Cabinet Committee on Political Affairs (CCPA) on Thursday evening gave the go-ahead to file the old affidavit again.

Minister of New and Renewable Energy Farooq Abdullah on Friday confirmed the government decision. "We have decided to take it up again... It is not about elections," he said.

"There will always be protests, but it is in our interest," the minister added.

The 167 km long canal project in the Palk Strait was approved in May 2005 but it soon ran into trouble and dredging work had to be suspended. It aims to shorten the sea route between the eastern and western coasts of India.

However, various Hindu groups have opposed the project, saying it would damage the mythical Ram Setu or Adam's Bridge, built during the epic Ramayana era.

Resolute to fight the Centre's decision on the project, BJP leader Subramanian Swamy said, "They can file any affidavit they want, but they will have to face me in court."

The R.K. Pachauri Committee, appointed by the government after the Supreme Court asked the government to explore an alternative alignment, had said that the project was unviable in all ways.

The Centre's affidavit questioning the existence of Lord Ram or Ram Setu set off a political storm. The government was then forced to withdraw the affidavit and file a fresh one on February 2008. It sought vacation of interim orders restraining the project.

In April 2013, the Supreme Court asked the Tamil Nadu government for its views on the project after the Centre said it was going to implement the project.

Source : India Today


30 Aug सुब्रमण्यम स्वामी ने की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात

30 Aug - 1987 में हुए मेरठ दंगे के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का नोटिस देने पहुंचे थे स्वामी
लखनऊ : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से
मुलाकात की। इस भेंट का संबंध उत्तर प्रदेश के मेरठ में 1987 में हुए साम्प्रदायिक दंगे में पीएसी द्वारा की गयी फायरिंग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गयी डॉ. स्वामी की जनहित याचिका से है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन के आवास पर पहुंचे स्वामी ने बताया कि मेरठ के हाशिमपुरा में 1987 में पीएसी द्वारा की गरी फायरिंग में तमाम बेगुनाह मारे गए थे। उस समय मौजूदा गृह मंत्री पी. चिदंबरम देश के आंतरिक सुरक्षा मंत्री थे। डॉ. स्वामी ने अपनी याचिका में चिदंबरम की भूमिका के अलावा इस मामले में ट्रायल कोर्ट के निर्णय को भी चुनौती दी थी।
डॉ. स्वामी ने बताया कि मामले की सुनवायी के दौरान छह अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि क्या वह स्वयं उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस (दस्ती) उपलब्ध कराना चाहेंगे, जिस पर उन्होंने सहमति दे दी थी। डॉ. स्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने नोटिस रिसीव किया। इस मामले की अगली सुनवायी 19 नवंबर को होगी। लालजी टंडन से मुलाकात के बाद स्वामी पटना के लिए रवाना हो गए।
Source : Jagran

Corruption begins at the highest level and goes down: Subramanian Swamy


An anti-corruption crusader and senior leader of Bharatiya Janata Party (BJP) Subramanian Swamy believes this could be one of the ways to curb corruption which is spreading like virus in the country.

Can corruption be curbed in the country by abolishing personal income tax for the next 10 years?

An anti-corruption crusader and senior leader of Bharatiya Janata Party (BJP) Subramanian Swamy believes this could be one of the ways to curb corruption which is spreading like virus in the country.

Swamy corroborates the view that corruption can be curbed if we remain positive and walk the extra mile.

In an exclusive conversation with Ameesh Devgan of Zee Media in Bharat Bhagya Vidhata’s ‘Mudda Aapka’, Swamy pitched for making people believe that anyone can be booked for corruption if found guilty.
He said, “Corruption begins at the highest level and goes down the line. We need to catch big fish to send right signal down the line to end corruption.”

Swamy suggested three ways to curb corruption- 1. Finish discretionary powers of officers as much as possible; abolish personal income tax at least for the next 10 years. 2. Catch big fish and punish them so they also fear from any wrongdoing. 3. Get away with the growing trend of praising people on the basis of their money.

But, do we also require tough laws to curb corruption in the country?
Swamy believes that anti-corruption laws that are already in force are good enough. He said, “There is no problem with the present laws. In laws available, anyone found guilty can be booked for corruption. When I raised the 2g matter everyone said that no one will be arrested but in the end the Supreme Court cancelled 122 licenses.”

Swamy also called for changing the attitude in dealing with things. He averred, “We should enthuse people that corruption can be curbed instead of spreading negativity. We should also encourage the people to join politics which is not considered as a good profession since independence.”
Swamy called donation to political parties as ‘dakshana’. He said, “We have a ritual in our country that people pay ‘dakshana’ to saints. Similarly, people fund parties because we work for them.”

Source : DNA