THURSDAY, 23 AUGUST 2012
Why no ban on anti-national websites of Raza Academy, Jamat-E-Islami Hindu etc. ? – HJS questions Hindu-hater Congress
Issue of ban on the nationalist HJS’ website !
Dharna agitation on 24th August in Azad Maidan, Mumbai !
Mumbai (Maharashtra) : A Dharna agitation will be held on 24th August 2012 between 2.00 p.m. and 5.00 p.m. in Azad Maidan, Mumbai, to oppose the ban on Hindu Janajagruti Samiti’s (HJS’) website by the Hindu-hater Congress Government. The website of HJS is a nationalist website. Through this medium, HJS is awakening the Hindus throughout the world and thus in a way assisting the Government. In spite of this being so, the Hindu-hater Congress Government has imposed a ban on HJS’ website. This is an attack on a nationalist and patriotic website which is treading a democratic path.
If the website of HJS is blocked, why have the websites of organisations which spit venom against the Hindus and the Congress such as Raza Academy, Jamat-E-Islami Hind, Tehriq-E-Hurriyat Jammu-Kashmir, tocircle.net etc. not been banned and why are they allowed to continue ? Mr. Ramesh Shinde, national spokesperson of the HJS has posed this question to the Congress. He warned that the ban on HJS website be lifted immediately, failing which HJS will be compelled to take stringent actions such as giving representations in a democratic manner against the Government’s Mughal-like rule, launching nation-wide agitations, raising voice in the Parliament through Members of Parliament and if necessary, taking the Government to task through courts.
He was speaking in a press conference organised by HJS in Mumbai Marathi Patrakar Sangh, Mumbai.
Source : Sanatan Prabhat
धर्म की परिभाषा स्थिर है । धर्म बिना वजह किसी भी जीव की हत्या नहीं करता । स्त्री रूप की सकाम उपासना में -
ReplyDelete1. पुण्य- सकाम भाव में अग्नि व सोम (जल) तत्व की क्रिया न होने की न्यूनतम स्थिति पुण्य है ।
2. पाप- सकाम भाव में दान के अलावा अग्नि व जल तत्व की क्रिया होना पाप है (समान कर्मेन्द्रिय) । इससे सोम तत्व की शीतलता नष्ट हो जाती है एवं स्त्री रूप को नुकसान पहुंचता है ।
3. सोमरस पान - सकाम भाव में समान कर्मेन्द्रिय न होने बावजूद पुरुष रूप के लिए सोमरस पान आवश्यक है क्योंकि इससे पुरुष रूप द्वारा उत्पन्न अग्नि तत्व की प्रकृति शान्त होती है एवं पुण्य की स्थिति में स्त्री रूप को न्युनतम नुकसान होता है । स्त्री रूप को मुखाग्नि नहीं दी जा सकती क्योंकि यह सोम (जल) पर अग्नि प्रज्वलित करने के समान है ।
सकाम भाव में पुण्य, सोमरस पान एवं दान की त्रिगुणी माया का पालन पुरुष रूप को करना चाहिए ।
निष्काम उपासना अर्थात् किसी प्रकार की स्वार्थयुक्त उपासना नहीं होती एवं स्त्री रूप की उपासना में धर्म हो अर्थात् उपासना उस स्त्री रूप से विवाह करने वाला पुरुष ही करें । इसलिए स्त्री देवी (शक्ति) का
रूप है । किसी भी आत्मा रहित शरीर की अंत्येष्टि कोई भी पुरुष रूप कर सकता है । जीवन का लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति है । मोक्ष में तप, भक्ति एवं दान होता है । आत्मा पवित्रता के आधार पर एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती है । भगवान श्रीराम शिव एवं शक्ति की उपासना करते है एवं शिव रूप हनुमानजी, श्रीराम की उपासना करते है । शेष ज्ञान के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन करें ।
Han, ye ban galat tha. Ab to website par ban khatm ho chuki hai shayad kyonki mai website khol sakta hun.
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