In the next election whichever political party gets elected even then the worst condition of Bharat and Hindus will not change. To bring the change we have to continue our efforts for the establishment of Hindu Rashtra. - Dr. Athavle...When Governments consistently fail, it is Hindus who must get ready !...H.H.Dr. Jayant Athavale(Sanatan Sanstha)....There is no counter terror strategy except the one I have given in the DNA article...Dr. Swamy....Hindu vote must consolidate with those others who accept Hindu ancestry for a virat Hindustani sarkar...Dr.Swamy

Dr. Subramanian Swamy in support of Sant Shri Asaram Bapu

डेन्मार्कमें स्थित हरे कृष्ण मंदिरपर मुसलमानोंद्वारा आक्रमण !

हिंदुओ, सामर्थ्यशाली हिंदुत्ववादी संगठन एवं मुसलमानोंकी दास्यता करनेमें स्वयंको धन्य समझनेवाले हिंदुद्वेषी कांग्रेसी नेता इसपर कोई कृति नहीं करेंगे । इसलिए आपही कृतिशील हो जाएं !

हिंदुओंको पारंपरिक वेश परिधान न करनेकी विनती करनेवाला स्थानीय प्रशासन क्या मुसलमानोंको ऐसा सूचित करनेका साहस दिखाएगा ?

डेन्मार्क देश ईसाई बहुसंख्यक है । इस देशमें यदि हिंदुओंको अपने धर्मानुसार आचरण करना असंभव है, तो पाक, बांगलादेश, मलेशिया एवं इंडोनेशियाके समान मुसलमान बहुसंख्यक राष्ट्रमें हिंदुओंकी स्थिति क्या होगी, इसका हम विचार भी नहीं कर सकते । इस घटनासे यह स्पष्ट होता हैं कि, हिंदुओंके लिए संपूर्ण विश्वमें एक भी सुरक्षित स्थान नहीं है । यह स्थिति परिवर्तित करने हेतु हिंदु राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य है । - संपादक


कोपनहेगन, २४ दिसंबर - डेन्मार्कमें पश्चिम कोपनहेगनमें स्थित ‘हरे कृष्ण’ मंदिरपर मुसलमानोंके एक समुदायने आक्रमण किया । युवकोंके इस समुदायद्वारा मंदिरपर पथराव कर मंदिरके द्वारके शीशे तोडे गए । मुसलमानोंके समुदायसे संघर्ष टालनेके लिए नगर प्रशासनद्वारा मंदिरके आसपासके मुसलमान प्रभावित क्षेत्रमें हिंदु भक्तोंको पारंपरिक वेश परिधान न करनेकी विनती की गई है । (अर्थात् डेन्मार्कमें हिंदुओंका धर्मपालन करना कठिन हो गया है । आज ‘पारंपरिक वेश परिधान न करें’, ऐसा कहनेवाले भविष्यमें पूजा-पाठ करनेके लिए भी प्रतिबंध लगाएंगे । विश्वभरमें हिंदुओंने संगठित होकर ऐसी घटनाओंका विरोध नहीं किया, तो पूरे विश्वमें हिंदुओंके श्रद्धास्थान नष्ट करनेके लिए भी मुसलमान हिचकिचाएंगे नहीं । - संपादक) डॅनिश पुलिसद्वारा इस आक्रमणके विषयमें प्रथमदर्शी अहवाल नीचे दिएनुसार बनाया गया है ।

१. मुसलमान गुंडोंके एक समुदायने कोपनहेगन स्थित ‘हरे कृष्ण’ मंदिरपर आक्रमण किया । इन गुंडोंने प्रथम मंदिरके प्रवेश द्वारपर पथराव किया । तदुपरांत माताजी आश्रमकी खिडकियां तोडीं । मंदिरके अध्यक्षद्वारा इस आक्रमणके विरोधमें पुलिसमें परिवाद प्रविष्ट किया गया । परिवाद प्रविष्ट करनेके आधे घंटेके उपरांत केवल एक पुलिस अधिकारी घटनास्थलपर आया । उसने मंदिरकी हानिका विषय पंजीकृत किया एवं वहांसे चला गया । आधे घंटेमें मुसलमान गुंडोंके बडे समुदायने पुनः मंदिरपर आक्रमण कर पथराव किया तथा द्वारके शीशे तोडें । तदुपरांत उन्होंने मंदिरका प्रवेशद्वार तोडकर मंदिरमें प्रवेश करनेका प्रयत्न किया । इस विषयमें पुलिसमें पुनः परिवाद प्रविष्ट किया गया; परंतु उस समय एक भी पुलिस घटनास्थलपर नहीं आया । (यदि मुसलमानोंद्वारा किसी चर्चपर आक्रमण हुआ होता, तो डॅनिश पुलिसने निश्चित ही ऐसा व्यवहार नहीं किया होता । उन्होंने अपराधी मुसलमानोंको ढूंढ निकाल उन्हें न्यायालयके समक्ष खडा किया होता । डॅनिश पुलिसद्वारा हिंदुओंके परिवादकी उपेक्षा यह मुसलमानोंकी दास्यता करनेवाली कांग्रेसका ही पाप है । हिंदु बहुसंख्यक भारतमें ही यदि हिंदुओंके साथ शुल्क नागरिकके समान व्यवहार किया जाता है, तो विश्वके अन्य देशोंसे सम्मानपूर्वक व्यवहार होगा, इस प्रकारकी अपेक्षा करना ही मूर्खता है । हिंदुओ, विश्वमें एवं भारतमें आपकी स्थिति बिन बुलाए अतिथिसमान करनेवाले राष्ट्रद्रोही कांग्रेसवालोंको आप कितने समयतक सहेंगे ? - संपादक)

२. हरे कृष्ण मंदिरपर जिस दिन आक्रमण हुआ, उसी दिन प्रातः मंदिरके दो भक्तोंको नगरमें क्षुद्रसे कारणको लेकर मारपीट की गई थी । यह संघर्ष न बढे तथा स्थानीय मुसलमानोंद्वारा पुनः आक्रमण न हो, इस हेतु मंदिरके भक्तोंको पारंपरिक वेश परिधान न कर बाहर जानेका आवाहन किया गया है । (हिंदुओंकी धर्मस्वतंत्रतापर आंच लानेका ही यह प्रसंग है । मुसलमान गुंडोंपर कार्यवाही करनेकी अपेक्षा हिंदुओंको ही बाहर जानेके लिए रोकना अर्थात् मुसलमानोंको गुंडागर्दी करनेके लिए अनुमति देनेसमान ही है ! क्या प्रशासनने ईसाईयोंको ऐसा कहनेका साहस दिखाया होता ? हिंदुओंकी अतिसहनशीलता एवं भारतीय शासकोंद्वारा मुसलमानोंकी दास्यता ही मुसलमानोंकी इस उद्दंडताको कारणभूत हैं । हिंदुओ, यदि आपने इन जिहादियोंके विरोधमें संगठित होकर कृत्य नहीं किया, तो वे आपका अस्तित्व ही नष्ट कर देंगे यह निश्चित है ! - संपादक)

स्रोत : Hindu JanJagruti Samiti

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